सिंधु समाज दिल्ल भगवान झूलेलाल के चालिहा कार्यक्रम मनाएगा

 

द वीकली टाइम्स, शनिवार 13 जुलाई 2024, नई दिल्ली। सिंधु समाज दिल्ली राजेंद्र नगर में भगवान झूलेलाल के चालिहा कार्यक्रम की पत्रकार वार्ता में घोषणा किया। इस अवसर पर सिंधु समाज दिल्ली के महासचिव श्री नरेश बेलानी ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया सिंधी समाज के ईस्ट देवता भगवान झूलेलाल का चालिहा कार्यक्रम को सिंधु समाज राजेंद्र नगर दिल्ली में 16 जुलाई 2024 से 25 अगस्त 2024 तक शाम 7 बजे से रात 8 बजे पल्लव आरती  तक बड़ीधूम से मनाया जाएगा। श्री नरेश बेलानी चालिहा कार्यक्रम के दौरान होने वाले मुख्य कार्यक्रम के बारे आगे बताया 15 अगस्त को सुबह स्वतंत्र दिवस मनाया जाएगा, 22 अगस्त को टीजड़ी मतलब करवा चौथ मनाया जाएगा जिसमें पत्नी अपने पति की आयु के लिए सजधज कर पूजा करेंगी, 24 अगस्त 2024 को भगवान झूलेलाल की नए पुराने राजेंद्र नगर, पटेल नगर, इत्यादि क्षेत्र से शोभा यात्रा निकाली जाएगी इस शोभा यात्रा को क्षेत्र में कई जगह सिंधी व् गैर सिंधी लोग और संस्थाएं भव्य स्वागत करेगी। 25 अगस्त 2024 को थदड़ी का कार्यक्रम होगा जिसमें शीतला माता की पूजा किया जाएगा उसके बाद रात को बेहराणा साहिब का यमुना नदी पर विसर्जन करने जाएंगे। तथा चालिहा कार्यक्रम के बाद 26 अगस्त को जन्ममास्टमी के अवसर पर धूमधाम के साथ जन्ममास्टमी मनाने का कार्यक्रम रहेगा। 

बेहराणा साहिब का यमुना नदी पर विसर्जन करने पर यमुना नदी के पर्यावरण के सवाल पर कार्यकारणीय सदस्य और पूर्व अध्यक्ष श्री मनोहर करना ने कहा हम लोग पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए कोई मूर्ति नहीं बनाते हैं इस कारण पर्यावरण पर कोई असर नहीं होता है बस हम सब चालिहा के पहले दिन अखंड ज्योत जलाते हैं जो लगातार चालिहा के समापन तक जलता है। उस ज्योत के साथ मछली के खाने योग्य सामग्री जैसे आटा, फल, इत्यादि के साथ यमुना नदी पर विसर्जन करने जाते है। इसलिए विसर्जन पर पर्यावरण का कोई असर नहीं रहता। प्रेस वार्ता में सिंधु समाज राजेंद्र नगर दिल्ली के कार्यकारणीय सदस्य श्री अध्यक्ष श्री जगदीश नागरानी, उपाध्यक्ष श्री हरीश काकवानी, उपाध्यक्ष श्री किशन झुरानी, अतिरिक्त महासचिव श्री अशोकदीप टेकचंदानी, अतिरिक्त महासचिव श्री कमल रामचंदानी, अतिरिक्त महासचिव श्री जगदीश भाटिया, अतिरिक्त महासचिव श्री सूरज प्रकाश, कोषाध्यक्ष श्री कमल टेकचंदानी, इत्यादि लोग उपस्थित थे।  

राजनितिक सवाल पर पत्रकारों से बात करते हुए सिंधु समाज दिल्ली के समस्त कार्यकारणीय सदस्य ने बारी बारी से कहा आज़ादी के बटबारे के बाद सिंध, पंजाब और बंगाल के लोगों को अपने अपने प्रांत से सब कुछ छोड़कर खाली हाथ भारत में विस्थापित बनकर आना पड़ा। पंजाब और बंगाल के लोगों को तो अपना प्रांत मिला परन्तु सिंधुयों को प्रांत सहित कुछ भी नहीं मिला बस इस 75 वर्षों में प्रांत के यादों को ज़िंदा रखते हुए अपने आप को संभालने में गुजर गया कियोंकि हम सिंधी लोग खुद्दार और शांत स्वभाओ के रहे हैं इसलिए कभी भी हमने किसी से कुछ भी नहीं माँगा पर अब हम इतने सक्षम हो गए हैं अब हम सरकार से अपना हक़ मांग सकते हैं। अब हम चाहते है राजनीति में हमारी भी भागीदारी हो सके। और अपने सिंध प्रांत की याद में भव्य सिंधी भवन का निर्माण करें ताकि दुनिया में रहने वाले सिंधी लोग जब दिल्ली आये तो उनको एक छत के निचे सब कुछ मिल जाए।

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