फिल्म समीक्षा : सरफिरा
द वीकली टाइम्स, शुक्रवार 12 जुलाई 2024, (फिल्म समीक्षक : रेहाना परवीन) नई दिल्ली। फिल्म सरफिरा शुक्रवार 12 जुलाई 2024 को सिनेमा घरों में प्रदर्शित होने वाली फिल्म है। फिल्म सरफिरा का वीरवार को डिलाइट डायमंड सिनेमा, दिल्ली में प्रेस शो हुआ जिसमें इस फिल्म को देखने का मुझे अवसर मिला। फिल्म सरफिरा तमिल फिल्म सोरारई पोटरु की हिंदी रीमेक है। जो कि कैप्टन गोपीनाथ की किताब सिंप्ली फ्लाय पर आधारित थी। ये किताब कैप्टन गोपीनाथ की लो कॉस्ट एयरलाइन एयर डेक्कन बनाने के पीछे की कहानी पर आधारित है। फिल्म सरफिरा भारत में कुछ मुट्टीभर लोग सब कुछ अपने मुट्ठी में रखकर आम लोग पर कैसे राज करें और उनको कैसे आगे बढ़ने से रोका जाए साथ ही सरकारी लोगों को अपने मन मुताविक कैसे चलाएं इस फिल्म में बखूबी दिखाया गया है। इस फिल्म को आम जनता जरूर देखे और सबक ले की अब किस प्रकार से उन मुठ्ठी भर लोगों का गुलाम नहीं बने बल्कि उनको अपना गुलाम बनाये। फिल्म के मुख्य कलाकार अक्षय कुमार, राधिका मदान, परेश रावल, सीमा बिश्वास, इत्यादि फिल्म का निर्देशन सुधा कोंगारा ने किया है। फिल्म सरफिरा साउथ इंडियन फिल्म की रीमेक और बायोपिक फिल्म है।
फिल्म सरफिरा की कहानी महाराष्ट्र के एक गांव में शुरू होती है यहां वीर म्हात्रे नाम का एक लड़का रहता है जो कि अपने गांव में ट्रेन को रुकवाने के लिए प्रदर्शन कर रहा है। उसे क्रांति विरासत में मिली है पिता के कई साल के संघर्षों के बाद उसके गांव में बिजली आई थी। बस दोनों लोगों की विचाधारा और प्रोटेस्ट करने का तरीका अलग है पिता कलम से लड़ते थे, बेटा भुजबल से लड़ रहा है। वीर के साथ एक निजी त्रासदी हो जाती है. जिसके बाद वो एक कम खर्चे वाली एयरलाइन शुरू करने को अपनी ज़िद बना लेता है ताकि निचले और मध्यम वर्ग वाले लोग भी हवाई जहाज़ में यात्रा कर सकें। अब उसका ये सपना कैसे पूरा होता है, कौन लोग इसमें उसकी मदद करते हैं और उसके सपने के पूरे होने में क्या बाधाएं आती हैं, ये आपको फिल्म में दिखाया जाता है। असल फायरब्रांड काम है राधिका मदान का उन्होंने वीर की पत्नी रानी का रोल किया है जो रानी बेकरी चलाती है अपनी शर्तों पर अपनी ज़िंदगी जीती है। उन्हीं शर्तों पर शादी करती है। परेश रावल ने एयरलाइन टायकून परेश गोस्वामी का रोल किया है। परेश किसी भी हालत में वीर को सफल होते नहीं देखना चाहता वो पूरी शिद्दत से उसका काम बिगाड़ना चाहता है और कई मौकों पर सफल भी होता है। इसलिए इस फिल्म को देखने की राय में हर किसी को देती हूँ। इस फिल्म को मैँ पांच में से चार नंबर देती हूँ। बायोपिक फिल्म देखने वालों को में पांच में से साढ़े चार नंबर देती हूँ।