60% लोगों ने कहा कि उनकी मां ही खुशियों का सबसे बड़ा स्रोत : ITC सर्वे

• बचपन के मुकाबले बड़े होने पर लोग अपनी माओं से 50% कम गले लगते हैं

• बचपन के मुकाबले बड़े होने पर मां को गले लगाने की आदत में जहां किशोरावस्था पीढ़ी में 31% की कमी देख गई वहीं युवा पीढ़ी में 33% की कमी आई है। यह भी देखने मिला कि नौकरीपेशा लोगों की तुलना में स्टूडेंट्स अपनी मांओं से ज्यादा गले मिलते हैं

• तनाव दूर करने के तरीकों में सबसे आम और पसंदीदा काम गाने सुनना है, दूसरे नंबर पर आता है ओटीटी पर कॉन्टेन्ट देखना और मांओं के गले लगना तीसरे नंबर पर आता है।

• इसके अलावा, लोग अपने बच्चों को हफ्ते में 6 बार गले लगाते हैं, जीवनसाथी या पति-पत्नी को हफ्ते में 5 बार तो वहीं हफ्ते भर में मांओं से करीब 3 बार ही गले मिलते हैं।

• जब सर्वे के प्रतिभागियों से पूछा गया कि अपनी मांओं के गले मिलकर उन्हें कैसा महसूस होता है तो 60% से ज्यादा ने कहा कि उन्हें सुकून मिलता है, मूड अच्छा हो जाता है और खुशी महसूस होती है।

द वीकली टाइम्स, शुक्रवार 20 जनवरी 2023, नई दिल्ली। आज की भागदौड़ भरी दुनिया में अलग-अलग वजहों से तनाव बढ़ता जा रहा है। अक्सर हम तनाव दूर करने के लिए ऑनलाइन कॉन्टेन्ट देखते हैं, गेमिंग या सोशल मीडिया पर टाइम पास करने जैसी चीजों का सहारा लेते हैं। वहीं, काम का बोझ और अन्य सामाजिक जिम्मेदारियां बढ़ने के कारण लोगों के लिए माता-पिता के साथ समय बिताने या उनके करीब रह पाना कम होता जा रहा है। इस स्थिति को मद्देनजर रखते हुए, ITC Sunfeast Mom’s Magic द्वारा हाल ही में किए गए एक सामाजिक प्रयोग में यह बात सामने आई है कि मां के गले लगने से न सिर्फ आपका तनाव दूर होता है बल्कि आप ज्यादा खुशी भी महसूस करते हैं। 13 से 35 साल की उम्र के लोगों के बीच किए गए इस सर्वे में महिला और पुरुष दोनों ही शामिल थे। इस सर्वे को स्टूडेंट्स, नौकरीपेशा लोग, घरेलू महिलाओं और अपने माता-पिता के साथ या उनसे दूर रहने वाले युवाओं जैसी श्रेणियों में बांटा गया था। इस संदेश को अधिकतम लोगों तक पहुंचाने के लिए Sunfeast Mom’s Magic ने नए साल पर पूरे देश में #HugHerMore कैंपेन शुरू किया ताकि सभी लोगों को अपनी मांओं को ज्यादा से ज्यादा गले लगाने के लिए प्रेरित किया जा सके। Sunfeast Mom’s Magic ने दिल्ली, बंगलुरू और मुंबई में क्राउऩइट के साथ मिलकर 321 प्रतिभागियों के बीच एक सर्वे कराया ताकि यह समझा जा सके कि पिछले कुछ सालों में लोगों द्वारा अपनी मां को गले लगाने की आदत में किस तरह बदलाव आया है।

सर्वे की मुख्य बातें:

- बचपन के मुकाबले बड़े होने पर मां को गले लगाने की आदत में जहां किशोरावस्था पीढ़ी में 31% की कमी देख गई वहीं युवा पीढ़ी में 33% की कमी आई है। यह भी देखने मिला कि नौकरीपेशा लोगों की तुलना में स्टूडेंट्स अपनी मांओं से ज्यादा गले मिलते हैं।

- तनाव दूर करने के तरीकों में सबसे आम और पसंदीदा काम गाने सुनना है, दूसरे नंबर पर आता है ओटीटी पर कॉन्टेन्ट देखना और मांओं के गले लगना तीसरे नंबर पर आता है।

- इसके अलावा, लोग अपने बच्चों को हफ्ते में 6 बार गले लगाते हैं, जीवनसाथी या पति-पत्नी को हफ्ते में 5 बार तो वहीं हफ्ते भर में मांओं से करीब 3 बार ही गले मिलते हैं।

- जब सर्वे के प्रतिभागियों से पूछा गया कि अपनी मांओं के गले मिलकर उन्हें कैसा महसूस होता है तो 60% से ज्यादा ने कहा कि उन्हें सुकून मिलता है, मूड अच्छा हो जाता है और खुशी महसूस होती है।

इस सर्वे और सामाजिक प्रयोग के कैंपेन के बारे में बात करते हुए श्री अली हैरिस शेर, चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, बिस्किट एंड केक्स क्लस्टर, फूड्स डिविज़न, ITC Ltd., ने कहा कि " गले मिलना/लगना, प्यार जताने का एक तरीका है और मां तथा बच्चों के बीच अहम कड़ी का काम करता है। जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं और जीवन में आगे बढ़ते जाते हैं, मांओं के साथ करीबी में काफी कमी आ जाती है। यह दूरी बढ़ती ही चली जाती है और बच्चे जैसे-जैसे आत्मनिर्भर होते जाते हैं, माएं अकेली होती जाती हैं। हमारे #HugHerMore कैंपेन का मकसद सभी को अपनी मांओं के ज्यादा से ज्यादा गले लगने को प्रेरित करना है। हमारा सामाजिक प्रयोग यह दिखाता है कि अपनी मां को गले लगाकर लोगों को ज़बरदस्त खुशी महसूस हुई। इस साल हम खुद से यह वादा करना चाहिए कि हम अपनी मांओं से उसी तरह और उतना ही ज्यादा गले लगेंगे जैसे हम बचपन में करते थे।

सामाजिक प्रयोग के विवरण :

ITC Sunfeast Mom’s Magic ने "द हैपिनेस हैक एक्सपेरिमेंट" नाम के एक सामाजिक प्रयोग के ज़रिए यह समझने का प्रयास किया कि अपनी मां के गले लगकर किसी व्यक्ति को कितनी खुशी महसूस होती है। इस प्रयोग के तहत मुख्य किरदार पर एक ब्रेन ट्रैकिंग डिवाइस लगाई गई ताकि इस बात का अंदाज़ा लगाया जा सके कि मां के गले लगने पर होने वाली खुशी किस हद तक बढ़ जाती है।

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